March 28, 2024
sangya kise kahate hain

संज्ञा किसे कहते हैं | संज्ञा की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण

नमस्कार मित्रों आज के इस आर्टिकल में हम बताने वाले हैं की  संज्ञा क्या है और Sangya ke Prakar कितने होते हैं  दोस्तों अगर आप Sangya ke Prakar जानना चाहते हैं तो  आप हमारे इस आर्टिकल को पूरा अंत  तक  पढ़े ताकि आपको अपने परीक्षा में आए तो आप इसे लिख सकें। दोस्तों हम लोग इस आर्टिकल में Sangya ke Prakar के बारे में पूरा विस्तार से बताएंगे और जितना हो सके   पूरा सरल से सरल  और  आसान से आसान भाषा में  समझाने की कोशिश करेंगे

ताकि आप इस आर्टिकल को पढ़कर अच्छे से समझ पाए और आप अपने एग्जाम में इस  प्रश्न का उत्तर दे पाए। दोस्तों यह आर्टिकल इतना आसान भाषा में है कि इसे कोई भी समझ सकता है यहां तक कोई बच्चा भी समझ सकता है  तो दोस्तों  अब बिना देर किए चलिए  जानते हैं  संज्ञा और Sangya ke Prakar के बारे में

संज्ञा किसे कहते हैं? (sangya kaise kahate hain)

संज्ञा एक ऐसा शब्द है जो किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान,  या विचार के नाम से किसी चीज़ का नाम लेता है। एक वाक्य में, संज्ञाएं विषय, प्रत्यक्ष वस्तु, विषय पूरक, अप्रत्यक्ष वस्तु,  अपोजिट, वस्तु पूरक, या विशेषण की भूमिका निभा सकती हैं।

किसी व्यक्ति, जाति, वस्तु, स्थान, या भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं

जैसे – मनुष्य (जाति), अमेरिका,  जापान, भारत (स्थान), बचपन, बुढ़ापा,  खटास, मिठास(भाव),  कलम, किताब,  कुर्सी,   पंखा, टेबल(वस्तु) इत्यादि।

संज्ञा की परिभाषा

दुनिया मे मौजूद किसी भी जाति, भाव, द्रव्य, गुण, व्यक्ति, स्थान और क्रिया कई सारे इत्यादि के नाम को संज्ञा कहते हैं।

दोस्तों अब हम लोग जान लिया है कि  संज्ञा क्या है और संज्ञा की परिभाषा क्या है, लेकिन बहुत बार  परीक्षा  में आ जाता है कि Sangya ke Prakar कितने होते हैं इसलिए चलिए अब आगे जानते हैं कि Sangya ke Prakar कितने होते हैं.

Sangya ke Prakar कितने होते हैं 

पाँच प्रकार की होती है —

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा

2. जातिवाचक संज्ञा

3. समूहवाचक संज्ञा

4. द्रव्यवाचक संज्ञा

5. भाववाचक संज्ञा

संज्ञा के कितने प्रकार – Sangya ke Prakar

1) व्यक्तिवाचक संज्ञा (व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं?)

व्यक्तिवाचक संज्ञा:-  जिस शब्द से किसी विशेष व्यक्ति, विशेष वस्तु, और विशेष स्थान  के नाम का बोध होता है,  उस शब्द  को व्यक्तिवाचक संज्ञा  कहते है।  अगर साधारण शब्दों में बात करें तो , कोई भी ऐसा व्यक्ति, वस्तु या स्थान   जो विशेष महत्त्व रखता हो, वह व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्द के अंतर्गत आता है।

जैसे –

स्थान – दिल्ली,  पटना,  गोवा, बिहार, मुंबई, जयपुर, बेंगलुरु, शिमला इत्यादि।

व्यक्ति – भगत सिंह, एपीजे अब्दुल कलाम , महात्मा गाँधी, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सचिन तेंदुलकर, जवाहरलाल नेहरू  मदर टेरेसा इत्यादि।

इमारत का नाम – ताजमहल, चारमीनार, लालकिला, क़ुतुब मीनार , हवा महल

इत्यादि।

स्थान के नाम:- पंजाब, राजस्थान, नेपाल, गुजरात, जयपुर, दिल्ली, चीन, पाकिस्तान, भारत, अमेरिका,

दिशाओं के नाम :- उत्तर, पश्र्चिम, दक्षिण, पूर्व

देवी देवताओं के नाम :- विष्णु, पार्वती, शिव, लक्ष्मी आदि।

समुद्रों के नाम- भूमध्य सागर, काला सागर, प्रशान्त महासागर, हिन्द महासागर, आदि ।

भाषाओं के नाम :- चाइनीज, हिंदी, गुजराती, बंगाली, कन्नड़, अंग्रेजी, फ्रैंच, मराठी आदि।

पहाड़ों के नाम :- अरावली, कराकोरम। हिमालय,एवरेस्ट, कंचनजंगा, अलकनन्दा, आदि।

खेलों के नाम :- हॉकी, क्रिकेट, फुटबॉल, chess, टेनिस आदि।

नदियों के नाम- ब्रह्मपुत्र, बोल्गा, गंगा, कृष्णा, सिन्धु, कावेरी, आदि ।

सरकारी योजनाओं के नाम :- जन धन योजना मुख्यमंत्री लाडली योजना ,  वृद्धा पेंशन योजना आदि।

समाचार पत्रों के नाम :- दैनिक भास्कर,  Hindustan Times, पत्रिका आदि।

व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण

श्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री  है ।

विराट कोहली सबसे अच्छे  क्रिकेट खेलते हैं।

वह  बांग्लादेश  में रहता है।

मुझे  संस्कृत पुस्तकें पढ़ना पसंद है।

मनाली  एक अच्छी जगह है।

भागवत गीता  के बहुत अच्छी पुस्तक है।

मेसी  फुटबॉल के महान खिलाड़ी हैं।

सचिन तेंदुलकर  इतिहास के सबसे अच्छे बल्लेबाज हैं।

मंजेश अपने  गांव गया है।

गंगा  नदी विश्व की सबसे लम्बी नदी है

मैंने आज एक  संस्कृत भाषा की किताब खरीदी।

मुझे  स्पेनिश  में बात करना बहुत पसंद है।

2) जातिवाचक संज्ञा (जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं?)

जातिवाचक संज्ञा:- जातिवाचक संज्ञा वे शब्द हैं जो अपरिभाषित या सामान्य लोगों, स्थानों या चीजों को संदर्भित करते हैं। उदाहरण के लिए, देश, राज्य  एक सामान्य संज्ञा है जो एक सामान्य स्थान को संदर्भित करता है जबकि कनाडा शब्द एक जातिवाचक  संज्ञा नहीं है क्योंकि यह एक विशिष्ट स्थान को संदर्भित करता है। सामान्य संज्ञाओं को केवल तब बड़े अक्षरों में लिखा जाता है जब वे वाक्य शुरू करते हैं या किसी चीज़ के नाम या शीर्षक में उपयोग किए जाते हैं, जैसे कि dog, country  and girl,

जैसे –

वस्तु – मोबाइल, कार, पुस्तक, टीवी, इत्यादि।

स्थान – तालाब, पहाड़, शहर, गाँव, इत्यादि।

प्राणी –स्त्री,  पुरुष, शेर, गाय, इत्यादि।

जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण

हम सब को स्वस्थ और  सेहतमंद रहने के लिए घी पीना चाहिए।

राधा को पिकल  की चीज़े बहुत पसंद है।

सासाराम छोटा शहर है।

सीता  का घर नदी के पास है।

शाहरुख खान  एक एक्टर है।

विराट कोहली  एक प्रसिद्ध क्रिकेटर हैं।

मगरमच्छ  पानी के बिना एक पल भी नहीं जी सकती।

बिहार राज्य  में कई प्रकार के वस्त्र बनाए जाते है।

बिहार पूरे अनाज से भरा हुआ था।

3) भाववाचक संज्ञा (भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं?)

भाववाचक संज्ञा:- जो शब्द किसी वस्तु, व्यक्ति, या स्थान के गुण, कर्म, अवस्था, दशा, भाव आदि का बोध कराएँ वह शब्द भाववाचक संज्ञा शब्द कहलाते हैं। अगर साधारण शब्दों में बोले तो भाववाचक संज्ञा का संबंध हमारे भावों से होता है। ये अमूर्त अर्थात केवल अनुभव या मसूर  किए जाने वाले शब्द होते हैं। इनमें हमारी भावनाएँ प्रमुख होती हैं।

जैसे –

भाव – ख़ुशी, दुःख, क्रोध, इत्यादि।

अवस्था – बुढ़ापा, बचपन, जवानी, इत्यादि।

दशा – भूख, गरीबी, प्यास, इत्यादि।

गुण – मिठास, सुंदरता, कठोरता, कोमलता, इत्यादि।

भाववाचक संज्ञा के उदाहरण

वह उन्हें हरा देगा ।

हम उसकी सफलता से  बहुत  खुश हैं

कभी भी अपनी ताकत को कम मत समझो।

आज पूरी टीम हमारी जीत की जश्न मना रही है

अहंकार आपका सर्वनाश कर सकता है

हमारे सैनिक ने युद्ध में बहुत साहस दिखाया

बदलाव ही जीवन में वास्तविक सुख प्रदान करती है।

4) समूहवाचक संज्ञा (समूहवाचक संज्ञा किसे कहते हैं)

समूहवाचक संज्ञा:- जो शब्द किसी एक जाति के सम्पूर्ण समुदाय  या समूह का बोध कराता है वह शब्द समुदायवाचक या समूहवाचक संज्ञा शब्द कहलाता है। मतलब कि जो शब्द एक समूह या समुदाय को दर्शाता है उसे हम समूहवाचक  संज्ञा कहते हैं। साधारण शब्दों में किसी एक पुरे वर्ग  या समूह को दर्शाने वाला शब्द समूहवाचक या समुदायवाचक संज्ञा शब्द कहा जाता है।

जैसे –

सेना, सभा, टीम, कक्षा, झुण्ड, झुंड, परिवार, दल, मेला, कक्षा, टुकड़ी, भीड़, पुस्तकालय पक्षी या जानवर  का झुंड  लड़का का गठ्ठा, लकड़ी का गठ्ठा, समूह, गेंहूँ का ढ़ेर इत्यादि।

समूहवाचक संज्ञा के उदाहरण

आज मेरी कक्षा नहीं लगेगी।

भारतीय सेना बहुत ही साहसी और  ताकतवर  सेना है।

मेरे परिवार में चार सदस्य है।

सामने वाले जंगल में  शेर  का झुण्ड रहता है।

आज मैंने 5 दर्जन आम खरीदे।

आज हमारी सभा  हुई।

आज हमारे गांव पर हाथियों का झुण्ड आया था।

मेरी कक्षा में मैं  दूसरे  स्थान पर हूँ।

वर्ष 2011 में भारतीय टीम ने वर्ड कप जीता  था ।

मदारी वाले ने मदारी  दिखाया तो वहां पर भीड़ जमा हो गई।

5) द्रव्यवाचक संज्ञाद्रव्यवाचक संज्ञा किसे कहते हैं

द्रव्यवाचक संज्ञा:- वह शब्द जो किसी तरल, ठोस, धातु, पदार्थ, द्रव्य अधातु, आदि का बोध कराते हो, उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहा जाता है। द्रव्यवाचक संज्ञा अगणनीय होती है और इन्हें ढेर के रूप में तोली या मापी जाती है। पानी, कोयला, घी, चाँदी, तेल,  सोना, फल,  हिरा, सब्जी, चीनी, लोहा,  या  कोई पदार्थ जिसे ना पाया तोला जाए उसे  द्रव्य द्रव्यवाचक संज्ञा कहलाते है।

जैसे –

यहां पर हमें हीरा, सब्जी, फल, पानी,  शब्द से बोध हो रहा है कि यह द्रव्य है, इसलिए यहां पर हीरा, सब्जी, फल, पानी, इत्यादि।

द्रव्यवाचक संज्ञा के उदाहरण

मैं पानी पीने के लिए जा रहा हूँ।

चांदी के रंग  उजला  होता है

मुझे सेव फल बहुत पसंद है।

मैं बाजार से  सब्जी लेकर आया हूँ।

औरतों को सोने के आभूषण बहुत सुंदर  लगते  हैं।

आज के समय में लोहा बहुत महंगा हो रहा है।

कोहिनूर हीरा सबसे महंगा हीरा  होता है।

मुझे आज का खाना बहुत पसंद आया  है।

मुझे सोने का घड़ी बहुत पसंद है

लोहा खत्म हो रहे हैं

(अंतिम विचार , conclusion)

मित्रों हमें पूरा उम्मीद है कि आपको हमारा संज्ञा क्या है? – Sangya ke Prakar कितने होते हैं पर यह आर्टिकल पसंद आया होगा और आप इस आर्टिकल से बहुत  सीखें  के होंगे कुछ तो हमने अपने  और से पूरा प्रयास किया है कि आपको  अच्छे से समझाया जाए  अगर आप हमारे इस आर्टिकल को  अंत  तक पढ़े होंगे तो आप  अपना परीक्षा में आने वाला यह  सवाल  का उत्तर  कर देंगे.

दोस्तों अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया है तो अपने  उन दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें जो लोग  आपके साथ पढ़ते हैं और  उनको नहीं पता है कि संज्ञा क्या है? – Sangya ke Prakar कितने होते हैं।  दोस्तों अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पढ़ने में कोई भी  परेशानी हुई है तो हमें आपसे अनुरोध है कि कृपया कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं  .. . धन्यवाद

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